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कोरोना इफेक्ट / कोरोना के कारण घर लौटे बच्चों को गांव में ही दिया जाए एडमिशन, एचआरडी मंत्रालय ने दिए राज्यों को निर्देश

राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को बिना किसी डॉक्यूमेंट्स के स्टूडेंट्स को स्कूलों में दाखिले के दिए निर्देश अलग-अलग गांवों की तरफ लौटे स्टूडेंट्स का डेटाबेस तैयार करें राज्य और केंद्र शासित सरकार

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कोरोना महामारी के चलते अपने-अपने राज्य लौटे प्रवासी श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस बारे में जारी दिशानिर्देशों में एचआरडी मंत्रालय का कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश कोरोना महामारी की वजह से स्थानीय क्षेत्रों को छोड़कर गए स्टूडेंट्स का डाटाबेस तैयार करे।

बिना कागजात के मिले दाखिला

वहीं, संक्रमण की वजह से गांव लौटे स्टूडेंट्स को राज्य वहीं के स्कूलों में दाखिले के लिए स्कूलों को निर्देश दे सकते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स को बिना किसी डॉक्यूमेंट्स के भी स्कूलों में दाखिले के लिए कहा जा सकता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि राज्यों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोरोना महामारी के दौरान अपने-अपने गांवों की तरफ लौटे स्टूडेंट्स का स्कूलों से नाम न काटा जाएं।

एचआरडी मंत्रालय ने दिए निर्देश

दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद देशभर से श्रमिक अपने-अपने गांवों की तरफ लौटे हैं। ऐसे में उनके साथ उनके बच्चे भी गांव की तरफ लौटे हैं। ऐसे में एचआरडी मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की यह जिम्मेदारी होगी कि उनके क्षेत्रों से अलग-अलग गांवों की तरफ लौटे यह जिम्मेदारी का डाटाबेस बनाया जाए। साथ ही इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि स्कूल, ऐसे विद्यार्थियों का नाम न काटे और उन्हें उनके स्थानीय गांवों के स्कूलों में ही बिना कागजात के दाखिला मिले।

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