स्पेसएक्स की लॉन्चिंग / नासा का क्रू डेमो-2 मिशन 19 घंटे में आईएसएस पहुंचा; राष्ट्रपति ट्रम्प बोले- कैप्सूल में गए हमारे दोनों एस्ट्रोनॉट्स सुरक्षित
भारतीय समय के अनुसार स्पेसएक्स के रॉकेट ने शनिवार रात करीब 1 बजे उड़ान भरी थी 2011 के बाद पहली बार अमेरिका ने अपनी धरती से यात्रियों को स्पेस स्टेशन भेजा है
#WATCH SpaceX Falcon 9 rocket takes off with the SpaceX Crew Dragon spacecraft for International Space Station, with 2 NASA astronauts – Robert Behnken and Douglas Hurley. pic.twitter.com/83aXfAtK1d
— ANI (@ANI) May 30, 2020
वॉशिंगटन. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का ‘क्रू डेमो-2’ मिशन कामयाब रहा। निजी कंपनी स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान से 2 अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पहुंच गए हैं। भारतीय समयानुसार शनिवार रात करीब 1 बजे रॉकेट ने कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी और यह 19 घंटे में अपने लक्ष्य तक पहुंचा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मिशन की लॉन्चिंग देखने स्पेस सेंटर गए थे। इसके बाद उन्होंने कहा कि स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल में गए एस्ट्रॉनॉट्स रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि इस लॉन्च के साथ बीते एक दशक की हमारी कोशिश औपचारिक तौर पर पूरी हुई। अमेरिकी के बुलंद उम्मीदों के नए युग की शुरुआत हुई है। देश के पुराने नेताओं ने अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स को पृथ्वी की कक्षा में भेजने के काम को दूसरे देशों की दया पर निर्भर रखा। अब और ऐसा नहीं होगा।
नौ साल बाद अमेरिकी धरती से भेजा गया मानव मिशन
इस मिशन को ‘क्रू डेमो-2’ और रॉकेट को ‘क्री ड्रैगन’ नाम दिया गया। 21 जुलाई 2011 के बाद पहली बार अमेरिकी धरती से कोई मानव मिशन अंतरिक्ष में भेजा गया। स्पेसक्राफ्ट की लॉन्चिग अमेरिका के सबसे भरोसेमंद रॉकेट फॉल्कन-9 से की गई। स्पेसएक्स अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी है। यह नासा के साथ मिलकर भविष्य के लिए कई अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रही है।
नासा के अंतरिक्ष यात्री…

नासा का कैनेडी स्पेस सेंटर…

ट्रम्प ने कहा- अमेरिका की नई महत्वाकांक्षाओं की शुरुआत
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मिशन के साथ उपराष्ट्रपति माइक पेंस भी मिशन की लॉन्चिंग के मौके पर मौजूद थे। ट्रम्प ने लॉन्चिंग के ठीक बाद इस मिशन को अतुलनीय बताया। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘असली प्रतिभा, वास्तविक बुद्धिमान, कोई भी हमारी तरह नहीं करता। अमेरिकी की नई महत्वाकांक्षाओं की शुरुआत हो चुकी है। पहले के नेताओं ने अमेरिका को दूसरे देशों की दया के काबिल बना दिया था। कई देश हमारे अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजते थे, पर अब ऐसा नहीं होगा। अगर अमेरिकी एक हो जाएं, तो ऐसा कुछ नहीं जो हम नहीं कर सकते।’’

27 मई को 17 मिनट पहले टला था मिशन
पहले यह लॉन्चिंग 27 मई की रात को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से होनी थी, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से 17 मिनट पहले मिशन रोक दिया गया था। नासा ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों से अपील की थी कि वे लॉन्चिंग देखने के लिए बाहर न निकलें। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी बेटी इवांका अपने पति जेयर्ड और दोनों बच्चों के साथ केनेडी स्पेस सेंटर पहुंचे थे।
20 साल से आईएसएस मिशन पर काम चल रहा
- नासा 2000 के दशक की शुरुआत से ही आईएसएस पर मिशन पर काम कर रहा है। हालांकि, 2011 में उसने अपने रॉकेट से यह लॉन्चिंग करना बंद कर दी थी। इसके बाद इसके बाद अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट रूस के रॉकेटों से भेजे जाने लगे।
- रूसी रॉकेट से लॉन्चिंग का खर्च लगातार बढ़ रहा था, ऐसे में अमेरिका ने स्पेसएक्स को बड़ी आर्थिक मदद देकर अंतरिक्ष मिशन के लिए मंजूरी दी। इस कंपनी ने 2012 में पहली बार अंतरिक्ष में अपना कैप्सूल भेजा।
- स्पेसएक्स कंपनी की स्थापना 2002 में की गई थी। इसका मकसद अंतरिक्ष में ट्रांसपोर्टेशन की लागत को कम करना है। साथ ही मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बनाना भी है।
टेस्टिंग के दौरान स्पेसएक्स के रॉकेट में विस्फोट
स्पेसएक्स कंपनी एक हैवी लिफ्ट रॉकेट ‘स्टारशिप’ पर भी काम कर रही है। इस रॉकेट के एक प्रोटोटाइप में टेक्सास में लॉन्चिंग के दौरान विस्फोट हो गया। स्पेसएक्स की बोका चिका टेस्टिंग साइट पर शुक्रवार को टेस्टिंग की लाइव रिकॉर्डिंग चल रही थी। इसी समय विस्फोट हो गया जो लाइव रिकॉर्ड हुआ। यह रॉकेट अंतरिक्षयात्रियों को ले जाने वाले रॉकेट से बिल्कुल अलग है।
A Starship prototype just exploded in Boca Chica, Texas during static fire testing. SpaceX was granted an FAA license yesterday to conduct suborbital flights, not sure when those first test flights will happen. Video/live feed from @NASASpaceflight pic.twitter.com/dqnQv1lqBV
— Joey Roulette (@joroulette) May 29, 2020