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बलात्कार की कहानी झूठी, पीड़ित महिला और मुकदमा दर्ज करने वाले अफसरों पर गिरी अदालत की गाज

रेलवे और बैंक मुलाजिम पर बलात्कार का झूठा केस बनाने का मामला

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बठिंडा, तकरीबन 4 साल पहले एक बैंक मुलाजिम व रेलवे मुलाजिम पर बलात्कार करने का केस बनाने के मामले में एक नया मोड़ आया है। बठिंडा अदालत के एडीशन सैशन जज बलजिंदर सिंह ने जिला पुलिस अधीक्षक (एस.एस.पी) बठिंडा को आदेश दिए है कि झूठा केस बनाने वाले पुलिस मुलाजिमों खिलाफ विभागी जांच करके बनती कार्रवाई की जाए। अदालत ने इस मामले की शिकायतकर्ता महिला को भी तलब कर लिया। दूसरी तरफ अदालत ने जिला कानूनी सेवाएं अथार्टी के सैक्रेटरी को हुक्म दिया कि 357-ए सीआरपीसी तहत बलात्कार के दोषों का सामना करने वाले बैंक मुलाजिम और रेलवे मुलाजिम को मुआवजे के तौर पर 50-50 हजार रूपए दिए जाए। जिला कानूनी सेवाएं अथार्टी मुआवजे की राशि पंजाब सरकार या मामले में शामिल पुलिस मुलाजिमों से करे। यहां यह बतानेयोग्य है कि बैंक मुलाजिम भूषण कुमार व रेलवे मुलाजिम निहाल सिंह वासी रेलवे क्वाटर बठिंडा को अदालत ने बचाव पक्ष के वकील हरपाल सिंह खारा व हरपिंदर सिंह सिद्धू की दलीलों से सहमत होते हुए 9 जुलाई 2021 को बाईज्जत रिहा कर दिया था। चलते केस दौरान सामने आया था कि थाना कैनाल कालोनी के एक हवालदार का किसी मामले को लेकर रेलवे मुलाजिम निहाल सिंह के साथ साल 2015 में एक झगड़ा हो गया था व पुलिस मुलाजिम ने उस की और उसके बड़े भाई दिनेश विक्की की पिटाई कर दी थी जिस के बाद रेलवे मुलाजिम ने उस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया था। इसी रंजिश के चलते हवालदार ने महिला की मदद से निहाल सिंह व उस के दोस्त भूषण कुमार के खिलाफ बलात्कार की झूठी कहानी रची। परंतु अदालत में महिला के लगाए दोष झूठे साबित हुए थे। वकील हरपाल सिंह खारा ने बताया कि अदालत ने पुलिस विभाग को इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करके पुलिस मुलाजिमों पर सख्त कार्रवाई करने के बारे में कहा है।

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